आदिपुरुष रिव्यू – जय श्री राम / Adipurush Film Review
आदिपुरुष (Adipurush)हिंदू महाकाव्य वाल्मीकि रामायण(जय श्री राम) एक भारतीय महाकाव्य पौराणिक कथा पर आधारित फिल्म है। बीते दिनों इस फ़िल्म की काफी आलोचना हो रही थी। क्या ये फ़िल्म उन आलोचनाओं के काबिल थी या इसने दर्शकों को कुछ बेहतर दिया है। आगे हम इसकी पूरी चर्चा करेंगे। इसके सकारात्मक और नकारात्मक बिंदुओं पर बात करते हुए इस फ़िल्म की एक विस्तृत समीक्षा करेंगे।
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जय श्री राम
आज एक ऐसी मूवी का रिव्यु मैं करने जा रहा हूँ, जिसके बारे में लोगों की 50/50 ओपिनियन्स है। कोई अच्छा बोल रहा है, कोई बुरा। किसी को कैरेक्टर से प्रॉब्लम है तो किसी को इसके सीजीआई और वीएफएक्स से। इन सबको दिमाग में रखकर ही मैं थिएटर गया था और थिएटर हाउसफुल था। सुबह 8:00 बजे का शो हाउसफुल मैंने देखा हिंदी में थ्री-डी में तो कैसी है ये मूवी?
Review On IMDb-Adipurush
आइए अब बात करते हैं-
मूवी पूरे 3 घंटे की है तो इंटरवल वगैरह पकड़ के ऑलमोस्ट 3.5 घंटे आपको थिएटर मैं बैठना है। इसका रिव्यु मैं आज पॉज़िटिव और नेगेटिव को ध्यान में रखकर करने वाला हूँ। क्योंकि जितना हाईप इस मूवी के रिलीज होने के लिए था, उससे ज्यादा हाइप इस मूवी की इसलिए बनी हुई थी क्योंकि आधे लोग नेगेटिव बोल रहे थे और आधे पॉज़िटिव। तो मैं भी उसी तरह आपको रिव्यु देने की कोशिश करता हूँ।
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सकारात्मक बिन्दु-
- तो सबसे पहले पॉज़िटिव देखो। स्टोरी सबको पता है तो थिएटर में कोई भी स्टोरी देखने बिल्कुल भी नहीं जायेगा। और सच कहूं तो रामायण की स्टोरी 3 घंटे में दिखाना पॉसिबल है ही नहीं। तो पब्लिक को स्टोरी पता होने का अडवांटेज मेकर्स ने काफी अच्छे से यूटिलाइज किया है। स्टोरी को फास्ट बेस्ट रखकर। जी हाँ, मूवी 3 घंटे की जरूर है लेकिन ये आपको ज़रा भी बोर नहीं करती।
- इसका दूसरा पॉज़िटिव पॉइंट ये है कि ये बोर नही करती । इसलिए नहीं करती क्योंकि इस फ़िल्म का डायरेक्शन काफी अच्छा है। इतनी बड़ी स्टोरी को प्रेज़ेंट करने के लिए जो स्टाइल मेकर्स ने यूज़ किया है वो बड़े पर्दे पर सच में अच्छा लग रहा था।
- तीसरा पॉज़िटिव पॉइंट है इसका म्यूसिक भाई साहब मंत्रमुग्ध हो ना किसे कहते हैं यह इसके गाने सुनकर पता चल जाएगा। कुछ गानों से आपका दिल लग जाएगा और कुछ से आपको भी आयेंगे स्पेशल ली गानों से भी बढ़कर है इसका बैकग्राउंड म्यूजिक जिसके लिए स्पेशल ली अजय अतुल सर सो तोपों की सलामी।
- चौथा पॉज़िटिव पॉइंट है- इसके बैकग्राउंड सीजेआइ होने के बावजूद बैकग्राउंड काफी रीयलिस्टिक बनाए गए हैं। चाहे वो जंगल हों, पहाड़ हों, नदी, नाले हों या छोटे से छोटा पेड़ पौधा सब कुछ रीयलिस्टिक लगता है। पांचवा पॉज़िटिव पॉइंट है सैफ अली खान। लेकिन ये पांचवा पॉज़िटिव पॉइंट सिर्फ उनकी एक्टिंग के लिए।