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निंबार्क संप्रदाय (nimbark sampraday) | Hindi Sahitya No. 1 Website- WikiFilmia

निंबार्क संप्रदाय (nimbark sampraday) | Hindi Sahitya No. 1 Website- WikiFilmia

निंबार्क संप्रदाय- निम्बार्क एक ऋषि थे जो 7वीं शताब्दी में भारत में रहते थे। उन्हें वैदिक पूजा पर ग्रंथों की एक श्रृंखला लिखने का श्रेय दिया जाता है। इन ग्रंथों में, निम्बार्क हिंदू पूजा से जुड़े विभिन्न संस्कारों और समारोहों को करने के निर्देश प्रदान करता है। निम्बार्क को भगवान सूर्य का अवतार कहा जाता … Read more

द्वैताद्वैत वाद / भेदाभेदवाद क्या है (Dvaitadvaita)- अर्थ, प्रवर्तक, सिद्धान्त और निम्बार्क संप्रदाय | WikiFilmia- No. 1 Website

द्वैताद्वैत वाद / भेदाभेदवाद क्या है (Dvaitadvaita)- अर्थ, प्रवर्तक, सिद्धान्त और निम्बार्क संप्रदाय | WikiFilmia- No. 1 Website

द्वैताद्वैतवाद एक दार्शनिक सिद्धांत है जो द्वैत और अद्वैत दोनों को मानता है। द्वैताद्वैत का अर्थ है द्वैत और अद्वैत दोनों का समन्वय। द्वैताद्वैतवाद के अनुसार, ब्रह्मांड ईश्वर  से भिन्न है, किन्तु यह ब्रह्म का एक हिस्सा भी है। द्वैताद्वैतवाद के प्रणेता निम्बार्क आचार्य हैं। द्वैताद्वैतवाद को “भेद-अभेदवाद”(भेदाभेदवाद) भी कहा जाता है। द्वैताद्वैतवाद की मुख्य … Read more

अद्वैतवाद क्या है? | हिन्दी साहित्य- WikiFilmia | No.1 Website

अद्वैतवाद क्या है? | हिन्दी साहित्य- WikiFilmia | No.1 Website

अद्वैतवाद क्या है- अद्वैतवाद एक वेदांती दर्शन है, जो कि ब्रह्म को सर्वोत्तम तत्त्व मानता है। इसके अनुसार, ब्रह्म के अलावा कुछ भी सत्य नहीं है, और संसार, जीव, माया आदि सब मिथ्या हैं। अद्वैतवाद का मतलब है “दो न होना” या “एकत्ववाद”। द्वैतवाद क्या है? (Dualism) | हिन्दी साहित्य- WikiFilmia | No. 1 Website … Read more

द्वैतवाद क्या है? (Dualism) | हिन्दी साहित्य- WikiFilmia | No. 1 Website

द्वैतवाद क्या है? (Dualism) | हिन्दी साहित्य- WikiFilmia | No. 1 Website

द्वैतवाद क्या है– द्वैतवाद एक दार्शनिक मत है, जो कि वेदांत की एक शाखा है। इस मत के अनुसार, संसार में दो प्रकार के पदार्थ हैं: ब्रह्म और जगत्। ब्रह्म सर्वशक्तिमान, सर्वज्ञ, सर्वानन्दमय, सर्वप्रकाशक, सर्वनियामक और सर्वोत्कृष्ट है। जगत् परिवर्तनशील, अनित्य, अनेक, अपूर्ण, परतंत्र, और दुःखमय है। ब्रह्म और जगत् का संबंध कारण-कार्य का है, … Read more

मसनवी शैली क्या है?- हिंदी साहित्य | Hindi Sahitya- WikiFilmia 1

मसनवी शैली क्या है?- हिंदी साहित्य | Hindi Sahitya- WikiFilmia 1

मसनवी एक फ़ारसी भाषा की शैली हैमसनवी शब्द का अर्थ होता है दो. इसमें हर शेर के दोनों पंक्तियों में एक ही रदीफ़ और क़ाफ़ी का मिस्रा होता हैहिंदी के प्रेमगाथा कविता की परंपरा में यही काव्य रूपांतर अपनाया गया है।मसनवी के लिए सात बह्रें नियत हैं। इन सभी सात बह्रों में मसनवी लिखी जा सकती है। शेरों की संख्या मसनवी में शेरों की कोई सीमा नहीं हैआठ, दस और बारह शेरों की छोटे मसनवियाँ होती हैं, जबकि बड़ी मसनवियों में शेरों की संख्या हज़ारों तक होती है। फ़ारसी भाषा में फ़िरदौसी की प्रसिद्ध किताब ‘शाहनामा’ एक मसनवी ही है, जिसमें साठ हज़ार शेर हैं विषय मसनवी में कोई भी विषय की सीमा नहीं होती है। कवि वह विषय चुन सकता है, जिस पर उन्हें लिखनी हो। उर्दू मसनवी के लेखकों ने मसनवी में आख्यानों को भी लिखा है, भगवान की प्रशंसा भी की है, और साहित्यिक तत्वों और प्राकृतिक दृश्यों को भी दर्शाया है मसनवी की विशेषता मसनवी की विशेषता यह है कि जो घटना या संघटना का वर्णन करना हो, उसे सरलता और विस्तार के साथ ऐसे बयां किया जाता है कि वह सम्पूर्ण घटना आंखों के सामने घूमती हुई और पूरे वातावरण को फिल्म की तरह प्रदर्शित करती है। यह उर्दू की मसनवियां हमें साहित्यिक तत्वों के साथ शौर्यपूर्ण घटनाओं और उन सामाजिक परिस्थितियों की जानकारी प्रदान करती हैं, जो वही समय का रहन-सहन, रीति-रिवाज को सच्चाई से पेश करता है। प्रेमाख्यानक काव्य ‘हिंदी के प्रेमाख्यानक काव्य की परंपरा में इसी काव्य रूप को आदान-प्रदान किया जाता है। ‘पद्मावत’ जैसी मसनवी मलिक मुहम्मद जायसी द्वारा लिखी गयी है। इस प्रकार, मसनवी को ऐसे कथा-काव्य का प्रतिरूप कहना संभव है जो महाकाव्य के पास पहुँच सकता है। कवि उर्दू के अधिकांश कवियों ने छोटी-बड़ी मसनवियाँ रची हैं। ये मसनवियाँ मीर, मीरहसन, दयाशंकर, नसीम, मिर्ज़ा शौक और कलक द्वारा लिखी जाने वाली प्रसिद्ध ह जिन अनुवादों ने रामायण और श्रीमद्भगवद गीता को उर्दू में प्रस्तुत किया है, वे सभी मसनवी के रूप में ही उपस्थित हैं नए उर्दू कवियों ने भी मसनवियाँ लिखी हैं, जिनमें नई सामाजिक और राजनीतिक चेतना दिखती है। इस बीच, इकबाल की ‘साकीनामा’ और सरदार जाफ़री का ‘नयी दुनिया को सलाम’ अधिक प्रसिद्ध हैं। संदर्भ- bharatdiscovery.org   यह भी देखें- अनेक शब्दों के लिए एक शब्द 1000+ (वाक्यांश के लिए एक शब्द)| anek shabdon ke liye ek shabd / vakyansh … Read more

Alankar In Hindi | अलंकार: परिभाषा, भेद, उदाहरण- 2023 | Best For Hindi Sahitya

Alankar In Hindi | अलंकार: परिभाषा, भेद, उदाहरण- 2023 | Best For Hindi Sahitya

Alankar In Hindi | अलंकार: परिभाषा, भेद, उदाहरण – काव्य में अलंकारों का महत्वपूर्ण स्थान है। अलंकारों का इस्तेमाल स्वाभाविक है। अलंकारों का उपयोग किसी तथ्य, अनुभूति, घटना या चरित्र की प्रभावी अभिव्यक्ति करने के लिए किया जाता है। Alankar/अलंकार की परिभाषा:- “अलंकार” शब्द का मूल अर्थ है “आभूषण, जिस प्रकार स्त्री की शोभा आभूषण … Read more

Hindi Sahitya Ka Itihas pdf | हिंदी साहित्य का इतिहास : काल विभाजन, नामकरण, प्रवृत्तियाँ | Best Page Part-1

हिंदी साहित्य का इतिहास : काल विभाजन, नामकरण, प्रवृत्तियाँ | Hindi Sahitya Ka Itihas pdf Part-1

हिंदी साहित्य का इतिहास : काल विभाजन, नामकरण, प्रवृत्तियाँ | Hindi Sahitya Ka Itihas: साहित्य एक नदी की तरह है। जो निरंतर विकसित होता रहता है। उसमें कोई बाधा नहीं आती। और न ही कोई उसे नुकसान पहुंचाता है। हाँ, वह समय के साथ-साथ बदलता रहता है, और इसके साथ-साथ साहित्य भी बदल जाता है, … Read more

Goswami Tulsidas : तुलसीदास का जीवन परिचय, रचनाएँ- Best Page For Exam-1

Goswami Tulsidas : तुलसीदास का जीवन परिचय, रचनाएँ- Best Page For Exam-1

Tulsidas : तुलसीदास का जीवन परिचय, रचनाएँ: तुलसीदास भारत के एक प्रसिद्ध कवि और संत थे, जिन्होंने हिंदी और अवधी भाषाओं में कई भक्ति रचनाएँ लिखीं। उनका जन्म 16वीं शताब्दी में उत्तर प्रदेश के राजापुर में एक ब्राह्मण परिवार में हुआ था। वह बचपन से ही भगवान राम के प्रति समर्पित थे और पांच साल … Read more